खरी खरी - 690 : मनकि बात
कैहूं कौनू मनकि बात ?
बंद कानों में नि पुजि धात ।
महंगाई बढ़िगे, नौकरी न्हैगे
बाड़ में गबार फसल डुबिगे,
किसान रूंरौ लगै ख्वार हात
कैहूं कौनू मनकि बात ?
कतु जाग दे नौकरीक टेस्ट
न रात सित न दिन खाय,
इंतजारी में साल न्हैगो
रिजल्ट आजि लै नि आय,
भविष्यक हमर बनिगो भात
कैहूं कौनू मनकि बात ?
टीवी चैनलों में रिया कै नाम
चौबीस घंट बस एक्कै काम,
अहा रे मीडिया के हैगो तिकैं
ढाई महैंण हैगो कैल मुनौ तिकैं,
है गछै बेशरम पापड़क पात
कैहूं कौनू मनकि बात ?
देश में कोरोना बढ़नै जांरौ,
जीडीपी दिनोदिन घटनै जांरौ,
दुनिय में सबूं है ज्यादा केस हूंरी
भुल हाम मास्क भुल देह दूरी,
कोरोना कर्मवीरोंक नि दी साथ
कैहूं कौनू मनकि बात ?
केस इकचालिस लाख पार
चौबिस घंट में नब्बे हजार,
नियम कानून किनार हैगीं
सबै आपण मनाक हैगीं,
बिमारी नि देखनि धरम जात
कैहूं कौनू मनकि बात ?
मन कि बात सबै कूंरीं
झाणि के कूंरीं कै हुणि कूंरीं,
स्यापक घौ बिच्छीक मंतर
कां भैरीं उल्लू कां जै खंतर,
क्याप जै सोचौ क्याप है बात
कैहूं कौनू मनकि बात ?
पूरन चन्द्र कांडपाल
06.09.2020
No comments:
Post a Comment