Friday 4 September 2020

Jyaun dyaapta : ज्यौं न द्याप्ता

खरी खरी -689 : ज्यौंन द्याप्तां उंज्या लै चौ !

( पितृपक्ष में ज्यौंन द्याप्तां कैं समर्पित )

हाम ढुंगाक, लुवाक
पितवाक, सुन-चांदीक
द्याप्तां पर
फूल बरसूं रयूं
उनुकैं दूदल नउं रयूं,
घराक ज्यौंन द्याप्तां हूं
बलाण नि राय,
उनुकैं तरसूं रयूं,
उनु उज्यां चाण नि राय
पुठ फरकूं रयूं,
मंदिर में घंटी बजै बेर
फल-फूल-दूद चढूं रयूं ।
द्वि आंखर उनुहैँ लै
जरूर हंसि बेर बलौ,
उं लै जाल धिति,
हाम बुजरगों हैं
किलै नि बलां राय
मैं कैं के खबर न्हैति ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
04.09.2020

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