खरी खरी - 512 : मैं कैं के खबर न्हैति (अंधविश्वास )
देवभूमि दगै
अंधविश्वास ज्यड़िये रैगो,
उखड़ण नि रय
गैर तक खड़िये रैगो,
डंगरिय कूं रईं मसाण
केवल स्येणियां परै लागूं,
यौ सिरफ शराबि
डंगरियां कैलै भाजूं,
अच्याल नईं नईं
मसाण पैद है गईं,
जो हेल्वाण दगै
बोतल लै माँगें फै गईं,
मंदिरों में लै चोरि बेर
बकर कटै खूब चलि रै,
दास-डंगरी करैं रईं
मैसों कि जेब रिती,
यां क्यलै हूंरै
द्याप्तां थानों में खुन्योव,
मैंकैं के खबर न्हैति ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
13.09.2020
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