Tuesday 15 September 2020

Andhvishwaas ki jakad : अंधविश्वास की जकड़

खरी खरी - 515 :अन्धविश्ववास की जकड़

पढ़े-लिखे अंधविश्वासी 

बन गए 

लेकर डिग्री ढेर,

अंधविश्वास कि मकड़जाल में

फंसते न लगती देर ।

औघड़ बाबा गुणी तांत्रिक

बन गए भगवान् 

आंख मूंद विश्वास करे जग,

त्याग तत्थ – विज्ञान ।

लूट करे पूजा दर्शन में

प्रसाद में लूट मचावे,

धर्म के नाम पर जेब तराशे

मृदु उपदेश सुनावे ।

उलझन सुलझे करके हिम्मत

और नहीं मंत्र दूजा,

सार्थक सोच विश्वास दृढ़ 

मान ले कर्म को पूजा ।

अंधविश्वास ने जकड़ा जग को

यह जकड़ मिटानी होगी,

कूप मंडूक की जंजीरों से

मुक्ति दिलानी होगी ।

अंधियारा ये अंधविश्वास का

मुंह बोले नहीं भागे,

शिक्षा का हो दीप प्रज्ज्वलित

तब अंधियारा भागे ।

पूरन चन्द्र कांडपाल

16.09.2020

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