Friday 15 March 2019

Telangana-andhra se seekho : तेलंगाना-आंध्रा से सीखो

खरी खरी - 399 : तेलंगाना -आंध्रा से कुछ सीखें 


       देश का 29वां राज्य तेलंगाना 2 जून 2015 को घोषित हुआ । इसकी राजधानी हैदराबाद घोषित हुयी । आंध्रा के लिए नयी राजधानी अमरावती तय हुयी जिसका निर्माण कार्य जोरों पर है । हमारे राज्य को बने हुए 18 वर्ष हो गए । इस दौरान यहां 8 मुख्यमंत्री बने परंतु राजधानी गैरसैण तय होने के बाद भी अभी तक देहरादून में अटकी है । अभी तक गैरसैण को राजधानी घोषित भी नहीं किया गया है । तेलंगाना में 11 अक्टूबर 2016 को 21 नए जिले भी अस्तित्व में आ गए हैं । उत्तराखंड में 4 जिले घोषित हुए एक अरसा बीत गया परंतु अस्तित्व अभी दूर है । हम कुछ तो तेलंगाना- आंध्र प्रदेश से सीखें । हमें शायद बुसिल ढुंग इसीलिये कहने लगे हैं लोग ।


      क्या गैरसैण राजधानी के लिए एक और आंदोलन की आवश्यकता पड़ेगी ? उनका सिंगल इंजन और इनका डबल इंजन शक्तिहीन हो गए हैं । राजधानी की कोई बात ही नहीं करता । अब जनता को सोचना है । पलायन रोकने और उत्तराखंड में विकास को गति देने के लिए राजधानी का गैरसैण कूच नितांत आवश्यक है । राज्य आंदोलन के 42 शहीदों ने भी राजधानी गैरसैण ही तय की थी और इसके लिए अपना बलिदान दिया था । हमने उईं शहीदों को भी भुला दिया जिन्होंने राज्य और राजधानी गैरसैण के लिए वर्ष 1994 में अपने सीने में गोली खाई । हमने उत्तराखंड की नारी शक्ति के उस अपमान को भुला दिया जिसकी वीभत्स गूँज आज भी मुज्जफरनगर चौराहे पर गूँज रही है ।


पूरन चन्द्र काण्डपाल

16.03.2019

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