खरी खरी - 395 : संसद में महिला आरक्षण
संसद और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई प्रतिनिधित्व प्रदान करने वाला महिला आरक्षण विधेयक का अब तक संसद में पास नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी इस मुद्दे को उठाया था । उन्होंने कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दो तिहाई बहुमत से लोकसभा में पारित होने के बाद भी महिलाओं को संसद और राज्य विधानसभाओं एवं परिषदों में 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो सका है। इसे पास कराने का असली संकल्प राजनीतिक दलों को ही दिखाना होगा जो दिखाई नहीं देता ।
कल 8 मार्च 2019 को हम सबने महिला दिवस मनाया । सोसल मीडिया और अन्य प्रचार माध्यमों में भी महिला दिवस की चर्चा हुई । इसकी चर्चा तो भाषणों में सभी कर रहे हैं परन्तु बेटियों को संसद में बराबरी का हक क्यों नहीं दिया जा रहा ? वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष को इस मुद्दे पर पहल करनी चाहिए थी जो नहीं हुई । देश की आधी आबादी संसद में 33% महिला आरक्षण की पक्षधर है परन्तु संसद में सहयोग बहुत टेढ़ी खीर ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
09.03.2019
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