मीठी मीठी - 244 : अभिनंदन को मिले 'अशोक चक्र'
शांति के समय में दिया जाने वाला 'परमवीर चक्र' के समकक्ष वीरता का सर्वोच्च पुरस्कार है 'अशोक चक्र' । स्वतंत्रता के बाद से 2019 तक यह सम्मान 69 शूरवीरों को प्रदान किया गया है जिनमें 57 को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया । 69वां 'अशोक चक्र' 26 जनवरी 2019 को लांस नायक नजीर अहमद वानी को मरणोपरांत दिया गया जो उत्कृष्ट वीरता दिखाते हुए 25 नवम्बर 2018 को शोपियां कश्मीर में शहीद हुए थे ।
भारतीय वायु सेना को अब तक केवल 2 अशोक चक्र प्रदान हुए हैं - फ्लाइट लेवटिनेंट सुहास विश्वास (1952) और स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा (1985) । (मेरी पुस्तक 'महामनखी ' में इनकी चर्चा है ।) 27 फरवरी 2019 को स्क्वाड्रन लीडर अभिनंदन वर्धमान ने जो वीरता का परिचय दिया वह अब हम सबके सामने है । उन्होंने अपने मिग फाइटर से दुश्मन के क्षेत्र में दुश्मन का F-16 धराशाही किया और जब उनका विमान गिरने लगा तो वे पैरासूट से कूदे, घायल होते हुए भी अपने को संभाला, भीड़ से अपना बचाव करते हुए तालाब में कूदे, देशहित में सभी कागजात नष्ट किये और करीब 60 घण्टे दुश्मन की यातना सहने के बाद 01 मार्च 2019 को रात्रि 9 बजकर 21 मिनट पर स्वदेश लौटे ।
'अभिनंदन' का देश में अपार अभिनदंन हुआ । वे सबके चहेते बन गए । पूरा देश उनसे गौरवान्वित हुआ । इस सपूत ने अंत तक अपना शारीरिक और मानसिक स्टेमिना एवं संतुलन बनाये रखा । समाचारों से अब तक मुझे जो प्राप्त हुआ मैं यह सब उसी के आधार पर लिख रहा हूँ । मैं सोचता हूँ अभिनंदन की बेमिशाल बहादुरी, कर्तव्यनिष्ठा, निडरता और जान जोखिम में डाल कर अंत तक दुश्मन के सामने उच्च जज्बे के साथ डटे रहने के लिए उन्हें शांति काल का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार 'अशोक चक्र' दिया जाना चाहिए ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
06.03.2019
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