Sunday 4 November 2018

Nyaayaadheesh lokpal : न्यायाधीश - लोकपाल

खरी खरी - 334 : न्यायाधीशों और लोकपाल की कमी

     सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टी एस ठाकुर का यह चिंतन सत्य था कि यदि जजों की यथोचित भर्ती होगी तो केस जल्द-से-जल्द निपटते जाएंगे । देश में निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक करीब साढ़े तीन करोड़ से अधिक मुकदमे लंबित हैं ।

      हाइकोर्टों में ही करीब 43 % जजों की कमी बताई जाती है । अदालतों पर बहुत अधिक दबाव है और लोगों को न्याय बहुत देरी से मिल रहा है । हम आशा करते हैं कि पी एम साहब इस मुद्दे का हल शीघ्र खोज लेंगे । पूर्व सी जे आई वेदना एकदम उचित है । हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय में 4 न्यायाधीश नियुक्त हुए हैं जो सुखद है ।

     जिस लोकपाल के लिए पांच वर्ष पहले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे जी ने नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर कई दिन तक अनशन करके पूरे देश को जगाया और नीति नियंताओं तक आवाज पहुंचाई उस लोकपाल की अब चर्चा तक नहीं हो रही । सभी चुप हैं । हमारे प्रजातंत्र का चौथा खंभा भी इस मुद्दे पर कमजोर हो गया लगता है ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
04.11.2018

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