Wednesday 15 September 2021

Mada machchhar : मादा मच्छर

खरी खरी - 928 : मादा मच्छर से है खतरा

     मलेरिया, डेंगू और चिकुनगुनिया सहित मच्छर- जनित रोगों से बचा जा सकता है यदि हम अपना बचाव करें तो । ये रोग ऐनोफलीज और एडीज के मादा मच्छरों के काटने से होता है । नर मच्छर शाकाहारी होते हैं केवल मादा ही काटती है । मादा रोग के जीवाणु लिए हुए अपनी सूंड (प्रोवोसिस) से स्वस्थ व्यक्ति को काटती है । खून चूसने से पहले वह थूक कर मनुष्य के खून को पतला करती है । इसी थूक के साथ रोग के जीवाणु स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं और 5-7 दिन में बुखार आने लगता है ।

     बचना आसान है । अपने इर्द-गिर्द मच्छर पैदा न होने दें । निकायों के भरोसे न रहे । पानी की टंकी पर नजर मारें । उसका ढक्कन लगा होना चाहिए। कूलर और मनीप्लांट का पॉट भी देख लें। उसका पानी भी 7 दिन में बदलें । ये मच्छर साफ पानी में अंडे देते हैं और 7 दिन में अंडे से एडल्ट बन कर उड़ जाते हैं । यह जनहित है । पड़ोसी रोगी हो गया है तो आपको भी खतरा है भलेही आप की पड़ोसी से बोलचाल न हो । मच्छरदानी जरूर लगाएं, पूरे कपड़े पहनें और रिपेलेंट जरूर लगाएं । बीमार होने से अच्छा है बचाव करें, इसे गंभीरता से लें । देश के कुछ राज्यों में डेंगू से कई बच्चे/युवा/बड़े चल बसे हैं जो बहुत दुखद है और हमारे हेल्थ केयर सिस्टम को मुंह चिढ़ाता है । 

पूरन चंद्र काण्डपाल


16.09.2021


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