Monday 20 September 2021

Deshbhakti ki paribhasha : । देशभक्ति की परिभाषा

खरी खरी - 931 : देशभक्ति की परिभाषा

    आप लोग अक्सर देशभक्ति के लेख पढ़ते होंगे या भाषण सुनते होंगे । आजकल कुछ लोग देशभक्ति के प्रमाण पत्र भी देने लगे हैं । जो उनके मन कैसी नहीं बोलेगा वह देशभक्त नहीं है । ऐसे कुछ लोग सड़क पर गुटका थूकते हैं, कूड़ा डालते हैं, हुड़दंग मचाते हुए भारत माता की जय - वन्देमातरम कहते हैं और वे स्वयं को देश भक्त कहते हैं । हमारे नेता स्वछता रखने वालों और छोटा परिवार रखने वालों को देशभक्त कहते हैं जिसकी सराहना होनी चाहिए और उनकी बात का अनुपालन होना चाहिए ।

        वास्तविक देशभक्तों के अनुसार देशभक्ति चीखने - चिल्लाने में नहीं, शिष्ट भाषा और व्यवहार में प्रकट होती है। खुद बेहतर इंसान बनना देशभक्ति है, नफरत मिटाना और लोगों में इंसानियत जगाना देशभक्ति है । जाति, धर्म की कट्टरता से लड़ना, आपसी सौहार्द पैदा करना, अंधश्रद्धा को त्यागना, विवेक से कार्य करना, अपने परिश्रम से आय पैदा करना, जिस कार्य का पारिश्रमिक मिलता है उसे ईमानदारी से करना, देश के लिए अन्न उगाना,  अंहकार छोड़ना, दूसरों को अपने जैसा इंसान समझना और उनका सम्मान करना, देशहित की बात करना और जनजागृति करना आदि सभी अच्छे कार्य देशभक्ति है । उन्माद से बचना और बचाना, उन्माद पर नियंत्रण रखना तथा सबके कल्याण की कामना करना देशभक्ति है । राष्ट्र की सम्पत्ति की रक्षा करना और पर्यावरण बचाना देशभक्ति है।   यदि हमारे अंदर इस देशभक्ति की कमी है तो सबसे पहले इस कमी को दूर करते हुए हमें स्वयं में देशभक्ति जगानी होगी तभी हम किसी को देशभक्ति का पाठ पढ़ाने का हक रखते हैं । जयहिंद ।

पूरन चन्द्र कांडपाल
21.09.2021

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