Sunday 9 December 2018

Par updedesh : पर उपदेश

खरी खरी - 350 : पर उपदेश

     अक्सर हम दूसरों को उपदेश देते हैं कि गलत काम न करें परन्तु स्वयं करते रहते हैं । मैंने कई कवियों को शराब, धूम्रपान और गुटके के विरोध में मंच से कविता पढ़ते देखा और मंच छोड़ते ही उन्हें शराब या सिगरेट या गुटका सेवन करते देखा । ये लोग द्वय चरित्र के होते हैं जो उचित नहीं है ।


       इसी तरह जब अभीनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने दिवाली पर पटाखे नहीं चलाने की अपील की थी लेकिन उनकी शादी में जमकर आतिशबाजी हुई जिसकी खूब आलोचना भी हुई । इसी तरह एक समाचार के अनुसार पेटा (PeTA) नामक संस्था ने प्रियंका-निक विवाह में हाथी-घोड़ों के साथ बारात निकालने की निंदा की है क्योंकि इस अवसर पर पशुओं को नियंत्रण करने के लिए यातना दी जाती है ।


      हमारे देश में कानूनों की जमकर अवहेलना प्रतिदिन होती है परन्तु जब सेलिब्रेटी काननू की अवहेलना करते हैं तो एक गलत संदेश समाज में जाता है । उपदेश देना बहुत आसान होता है । हम जो भी उपदेश समाज को दें उस पर पहले खुद अमल करें । आम आदमी को सेलिब्रेटी से समाज के हित में कुछ सार्थक करने की उम्मीद होती है ।


पूरन चन्द्र काण्डपाल

10.12.2018


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