मीठी मीठी - 143 : याद रहेगा 15 अगस्त
पन्द्रह अगस्त उनीस सौ सैंतालीस
दिवस भारत का प्यारा है,
इस दिन मिली आजादी हमको
यह क्षण अपूरब न्यारा है ।
नहीं एकता थी परस्पर
अलग अलग ढपली सबकी,
देख हमारी फूट आपसी
नजर फिरंगी की चमकी ।
भड़क उठा संग्राम स्वतंत्रता
सभी युद्ध में कूद गए,
जेलों की परवाह नहीं की
फांसी का फंदा चूम गए ।
हिंसा नहीं भाई बापू को
आंदोलन असहयोग किया,
'भारत छोड़ो' नारा देकर
अवज्ञा उपयोग किया ।
गए फिरंगी मिली आजादी
अगिनत शहादत देने पर,
खून बहाया लड़ी लड़ाई
हुंकारा भारत घर घर ।
दासता की कटी बेड़ियां
राष्ट्र नांद उदघोष हुआ,
'वंदेमातरम' का स्वर गूंजा
जन- गण -मन जयघोष हुआ ।
फहराया भारतीय तिरंगा
दिल्ली के लालकिले पर,
बोला अर्थ स्वतंत्रता समझो
रहो आपस में मिलजुल कर ।
बनी रहे हृदय में हमारे
वीर शहीदों कि कहानी ये,
रहे स्वतंत्रता अमर हमारी
कथा नहीं बिसरानी ये ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
16.08.2018
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