Friday 3 August 2018

Foolan kee yaad ;फूलन की याद

खरी खरी - 285 : फूलन की याद

     फूलन देवी ( जिसे दस्यु सुंदरी भी कहा गया और जिस पर 'बैंडिट क्वीन' फ़िल्म भी बनी ) की जिंदगी में जो बीता और वह दस्यु नारी क्यों बनी इस बात को बहुत कम लोग जानते हैं । 10 साल की फूलन का 40 साल के व्यक्ति से विवाह कितना अनैतिक है इसे समझा जा सकता है । वह भागी और डाकुओं द्वारा अगवा कर ली गई । विक्रम मल्लाह से दोस्ती कर उसने बंदूक चलानी सीखी । प्रतिशोध की ज्वाला में दहकती फूलन ने 58 दलितों की मौत का बदला बेहमई में 22 सवर्णों को मार कर लिया फिर 11 वर्ष बिना ट्रायल के जेल काटी ।

      मिर्जापुर से वह सांसद बनी और सुरक्षा के बीच भी 26 जुलाई 2001 को फूलन की हत्या कर दी गई । फूलन के संघर्ष पर यदि ईमानदारी से दृष्टि डाली जाए तो वह दलित महिला शोषण के विरुद्ध आवाज उठाती रही ।क्राइम ब्यूरो के अनुसार आज भी प्रतिदिन 6 दलित महिलाओं का यौन उत्पीड़न होता है । दलित महिलाओं को फूलन का संघर्ष स्मरण करते हुए उन लोगों से अहिंसक संघर्ष करना चाहिए जो आज भी किसी न किसी बहाने उनका शारीरिक शोषण करते हैं औऱ उन्हें कुएं तथा मंदिर प्रवेश से वंचित रखते हैं । तुलनात्मक दृष्टि से देखा जाय तो दलित  बच्चियों और महिलाओं में अशिक्षा एवं गरीबी बहुत अधिक है जिस पर सरकारों को अवश्य मंथन करना होगा ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
03.08.2018

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