Tuesday 21 August 2018

Skoolon mein afsaron ke bachche : स्कूलों में अफसरों के बच्चे

खरी खरी -294 : सरकारी स्कूलों में अफसरों के बच्चे

       इलाहाबाद हाईकोर्ट को हार्दिक नमन जो उस न्यायालय ने  सरकारी स्कूलों की दुर्दशा पर एक जनहित याचिका पर १८ अगस्त २०१५ को सख्त कदम उठाया था |  तब उम्मीद जगी थी कि सरकारी स्कूलों की हालत सुधर जायेगी क्योंकि नेताओं, सरकारी अफसरों, बाबुओं, और जजों के बच्चे अब इन स्कूलों में पढेंगे | तब से इस 3 वर्ष के बीच कितने सरकारी अफसरों ने अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाया इस बात की जानकारी उपलब्ध नहीं है ।

     तब यह भी उम्मीद जगी थी कि उत्तराखंड सहित देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में भी यह क़ानून लागू होना चाहिए | यह बात भी संज्ञान में नहीं है । यदि कोई मित्र इस बारे में जानकारी रखते हैं तो कृपया साझा करें । हम उस जनहित याचिकाकर्ता को हार्दिक धन्यवाद देते हैं जिसने इस ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया । यदि उक्त सरकारी अधिकारी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएंगे तो उस स्कूल की दशा अवश्य सुधर जाएगी और अन्य बच्चे भी लाभान्वित होंगे ।

     हमारे देश में क्रियान्वयन की संस्कृति कछुवे की चाल से भी कम है । कानून का अनुपालन या तो नहीं होता या बहुत देरी के बाद फटकार लगाने पर होता है । कब आएगा नया सवेरा ?

पूरन चन्द्र काण्डपाल
20.08.2018

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