खरी खरी - 288 : मोबाइल फौन चोरी
06 अगस्त 2018 को मैंने खरी खरी- 287 शीर्षक से 'चारों ओर चोर चोर' विभिन्न प्रकार के चोरों की चर्चा की थी जिनमें मोबाइल चोर भी थे । एक दिन पहले मेरे दो परिचितों के मोब फौन चोरी हुए । एक के पर्स से निकला तो दूसरे के हाथ से छीन कर गया । दोनों ने ही पुलिस में रिपोर्ट कराई जो 'गुम हो गया' के नाम से हुई । चोरी तथा छीन लिये जाने के बारे में रिपोर्ट नहीं लिखी गई । दिल्ली में मेट्रो ट्रेन तथा डी टी सी की बसों में भी जेबतरासी या मोब चोरी में पुरुष चोरों से अधिक महिला चोर होते हैं जो भीड़ का खूब लाभ उठाते हैं । यात्री को ही चौकस रहना पड़ेगा ।
कुछ महीने पहले एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में सात महीने में 20638 मोब फौन चोरी की पुलिस में रिपोर्ट हुई । पकड़े जाने पर एक फौन झपटमार ने पुलिस को बताया, "सर यह काम बहुत आसान है । हम दो लोग बाइक में होते हैं । बाइक के पीछे बैठा झपटमारी तब करता है जब कोई व्यक्ति मोब पर बात करते हुए चलता है । हम बाइक धीरे करते हैं और उसके पास से गुजरते हुए मोब झपट लेते हैं । जब तक वह व्यक्ति कुछ समझे हम रफू चक्कर हो जाते हैं । इसी तरह महिलाओं का पर्स भी झपटते हैं । फौन के सिम -पार्ट निकाल कर उसे गफ्फार मार्किट में बेच देते हैं ।"
दोनों 'खरी खरी' से हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि अधिकांश समय पर हमारी लापरवाही से ही हमारे मोब या पर्स इन असामाजिक तत्वों द्वारा चोरी होते हैं या झपटे जाते हैं । लोगों का कहना है कि इन झपटमारों को पुलिस गंभीरता से नहीं लेती अन्यथा यह दहशत समाप्त हो गई होती । अपनी रक्षा स्वयं करें और सड़क में चलते समय मोबाइल से बात न करें, बस यही तो हम कह सकते हैं । इसके अलावा कहा भी क्या जा सकता है क्योंकि आज के दौर में हम असामाजिक तत्वों से घिरे हुए हैं । ऐसा कहने पर भी कुछ लोगों को आपत्ति हो सकती है ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
08.08.2018
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