Thursday 30 April 2020

Kitani daaroo theek rajegi ? :कितनी दारू ठीक रहेगी ?

खरी खरी - 620 : कितनी दारू ठीक रहेगी ?

        (देश की अधिकांश शराब की दुकानें और देशी ठेके मजदूरों की बदौलत ही गुलजार रहती हैं । मजदूर दिवस पर मंथन करें कि आख़िर शराब पीने की मजबूरी क्या है ? भले ही आजकल दारू के ठेके बंद हैं परन्तु लौकडाउन खुलते ही ये ठेके फिर गुलजार हो जाएंगे । आज 01 मई 2020, देश में लौकडाउन का 38/40वां दिन है । घर में रहिए । जिम्मेदार नागरिक बनिए । हालात बिगड़ते जा रहे हैं । सहयोग करिए और कर्म वीरों को नमन करिए । मजदूर दिवस पर आज देश ही नहीं विश्व के सभी मजदूर परेशान हैं । निराश न हों । कोरोना हारेगा और मानव जीतेगा । मजदूर दिवस की सभी मजदूरों को शुभकामना ।)

    कुछ दिन पहले (जब कोरोना का दौर नहीं था )  सायँकालीन सैर के समय कुछ दारूबाज रोज की तरह पार्क में दारू गटकाते हुए मिल गए । ''सार्वजनिक स्थान पर यह प्रतिबंधित कर्म क्यों कर रहे हो ?'' कुछ हिम्मत के साथ जब यह सवाल पूछा तो बोले, "जाएं तो जाएं कहां ? घर में पी नहीं सकते, कार्यस्थल पर भी मनाही है और यहां सुनसान में आपको आपत्ति है ?" "पीते ही क्यों हो ? दारू अच्छी चीज नहीं है । स्वास्थ्य, धन, सम्मान, घर -परिवार सब बरबादी ही बरबादी होती है दारू से ।" बहुत देर तक बहस हुई । वे सवा सेर मैं मात्र छटांग भर । अंत में एक बोला, "सर आप हमारे भले के लिए कह रहे हैं , छोड़ने की कोशिश करेंगे ।" दूसरा बोला, "सर कम से कम कितनी दारू ठीक रहेगी ? कई डाक्टर -वैद्य भी तो पीते हैं ।"

      मैंने पुलिस नहीं बुलाई क्योंकि ऐसा करने से पुलिस लाभान्वित होती रही है । समझा कर हृदय परिवर्तन का लक्ष्य था सो समझाया, "शराब हर हाल में नुकसान दायक है । मैं आपको शराब छोड़ने के लिए ही कहूंगा ।" तीसरा बोला, "सर एक पैग तो चलेगा, ज्यादा ठीक नहीं ।" मैने कहा, "एक पैग के बाद ही अगला पैग लगाते हैं आप लोग । एक पैग के बाद बंद करो तब ना ।" वे सुनते रहे । छै लोग थे । बिना नमकीन के बोतल समापन की ओर थी । कुछ सुन रहे थे, कुछ मसमसा रहे थे और कुछ डौन हो चुके थे । मैंने उन्हें चार 'D' की बात समझायी और चला आया । 

    क्या है ये चार 'D' ?  चार डी दारू के चार पैग की दास्तान है जिससे एक- एक कर चार पैग दारू पीने के परिणाम सामने आते हैं । एक पैग- Delighted खुश, दूसरा पैग- Dejected उदास,  तीसरा पैग- Devilish राक्षस और चौथा पैग - Dead drunk मृतप्राय लंबा लेट गया जमीन पर । चार पैग का क्रमशः अंजाम है खुश, उदास, राक्षस और मृत प्रायः । मुझे दूर तक उनकी आवाज सुन रही थी । एक कह रहा था, "भइ बात सही कह गया ये बंदा । अब दारू कम करनी पड़ेगी ।"

      (मजदूर दिवस पर सभी दारू पीने वाले मजदूरों को/मितुरों को इस उम्मीद के साथ शुभकामना  कि आपकी मजदूरी, परिवार और स्वास्थ्य दोनों सकुशल रहेंगे यदि आप दारू छोड़ दें तो । दारू छोड़ना कोई असम्भव कार्य भी नहीं है । बस एक बार दृढ़ प्रतिज्ञ होकर ठान लीजिए । मां के गर्भ से तो हम दारूबाज नहीं थे, दुनिया में आने पर ऐसे यार/दोस्त मिले जिन्होंने हमें दारुबाज/नशेड़ी बना दिया ।)

पूरन चन्द्र काण्डपाल
01.05.2020

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