खरी खरी - 608 : माया नहीं महान
(पैसा बहुत कुछ है परन्तु सबकुछ नहीं । कुछ चीज़ें पैसे से नहीं खरीदी जा सकती ।)
जग में माया नहीं महान,
फिर तू काहे करे गुमान ।
माया से तुझे मिले बिछौना
नींद न मिलने पाये,
माया से साधन मिल जाते
खुशी न मिलने पाये,
माया से तुझे मिलता मंदिर
मिले नहीं भगवान । जग...
माया से मिले भवन चौबारे
घर नहीं मिलने पाये,
दवा -आभूषण मिले माया से
मुस्कान न मिलने पाये,
माया से पोथी मिल जाए
नहीं मिल पाये ज्ञान । जग...
माया से प्रसाधन मिलते
मिलते नहीं संस्कार,
माया से संस्कृति मिले ना
मिल जाता बाजार,
अंत समय कछु हाथ न लागे
सभी खोखला जान । जग...
'यादों की कलिका से'
(आज कोरोना लॉकडाउन का 25वां दिन है । कोरोना से विश्व में 22 लाख से अधिक लोग संक्रमित और 1.5 लाख से अधिक मृत हो चुके हैं । भारत में भी 14 हजार से अधिक संक्रमित और साड़े चार सौ से अधिक मृत । लॉकडाउन का गंभीरता से पालन नहीं हो रहा है । कुछ लोग इसे सजा समझते हैं जबकि यह सबके बचाव के लिए है । समूह में घूमना बहुत खतरनाक है । जरूरी चीज के लिए दिन में एक बाहर जाना उचित है परन्तु प्रातः भ्रमण के लिए उचित नहीं । आदेश मानिए । दुर्योधन मत बनिए । घर में रहिए । गांधीगिरी को समझिए और कोरोना वीरों के लिए दुआ कीजिए ।)
पूरन चन्द्र काण्डपाल
18.04.2020
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