Thursday 2 April 2020

Ganesh Aarti गणेश आरती

मीठी मीठी - 444 :  गणेश जी की आरती के शब्द

         वीडियो के अनुसार यह 3 सितम्बर 2019 की मीठी मीठी - 341 के शब्द भी पढ़िए जो नीचे उद्धृत हैं ।

"मीठी मीठी - 341 : गणेश जी की आरती के शब्द

        हमारे समाज में चिरकाल से गणेश जी की एक आरती प्रचलन में है, "जय गणेश जय गणेश श्रीगणेश देवा..."। इस आरती की इन पंक्तियों में बदलाव होना चाहिए-

"अंधन को आंख देत, कोड़िन को काया;     बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।"

        आरती में तीन शब्द अप्रिय हैं और अप्रासंगिक हैं । मेरे विचार से आरती इस प्रकार से हो -

" सूरन को आंख देत, रोगिन को काया;
नारी को मातृत्व देत, सबजन को छाया ।" 

      अंधे व्यक्ति को सूर कहते हैं, कोड़ की बात न हो,  प्रत्येक रोग से सभी को दूर रखने की बात हो । बांझ शब्द किसी भी विवाहिता के लिए कटु शब्द है । यहां मातृत्व की बात करें ,पुत्र देत न कहें । पुत्र देत कहने से हम अपनी पुत्रियों का अपमान करते हैं । माया तो मांगनी ही नहीं चाहिए । कर्म करें, उच्च चरित्र रखें, जीओ और जीने दो का सिद्धांत अपनाएं और स्वस्थ जीवन जीएं । ' छाया ' का अर्थ है भगवान की छत्र छाया सब पर बनी रहे ।

      मुझे उम्मीद है सभी मित्र इस बदलाव पर अवश्य मंथन करेंगे और इन तीन शब्दों ( अंधन, कोड़िन और बांझ  ) से आहत होने वाले मनिषियों को इन अप्रिय शब्दों से बचाएंगे तथा इनकी जगह ' सूरन '  रोगिन और मातृत्व ' शब्द प्रयोग करेंगे । इसी उद्देश्य से एक वीडियो में चंद शब्द बोलने का प्रयास किया है, कृपया वीडियो को समय देने का कष्ट करें । धन्यवाद । पूरन चन्द्र कांडपाल
03.09.2019"

        आज भारत बंद का 7वां दिन है । घर में रहिए और जो लोग कोरोना से जूझ रहे हैं उनको जयहिंद कहिए । सरकार और शासन के निर्देश मानिए । धन्यवाद ।

पूरन चन्द्र कांडपाल,
31.03.2020.

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