खरी खरी - 598 : आज शराब और शराबियों की बात
जग जाहिर है जो किसी भी प्रकार का नशा नहीं करते वे वास्तव में उत्तम लोग हैं । आप अपने मित्र, परिवार, संबंधी, सहकर्मी को भी जनजागृति कर अपनी कैटेगरी में शामिल करें ।
कुछ वर्ष पहले जब तबादला होकर नए स्थान पर गया तो सायँ 5 बजे एक सहकर्मी पास आकर कान पर कहने लगा, "आपसी कंट्रीब्यूसन से कभी कभी व्हिस्की मंगाते हैं, सौ रुपए निकाल ।" मैंने मना किया तो वह बोला, "अबे कंगले स्टाफ में मिलकर रहना पड़ता है । निकाल सौ रुपये ।" मैंने सौ रुपये दे दिए परन्तु चुपचाप घर को चला आया । दूसरे दिन सुबह उसने सौ का नोट मेरे मुंह पर मारते हुए कहा, " अबे हमें भिखारी समझता है । कोई मुसीबत आएगी तो हम ही काम आएंगे तेरे ।" यह बंदा यों ही उटपटांग बोलने में माहिर था और जो मन आई सो बोल कर चला गया । स्टाफ का मामला था, मैं चुप रहा ।
मैंने कोई बहस नहीं की । मुझे किसी भी शराब पीने वाले से कोई नफरत नहीं है । शराब पीने के बाद यदि पता चल रहा है कि उसने शराब पी है, वह समाज -परिवार का अहित कर रहा है तो वह शराबी है । वैसे शराब सहित सभी प्रकार का नशा मानव के लिए 100 % दुःखदायी, खतरनाक और अंततः आत्मघाती है । मैं जानता हूँ कई ऑफिसों में 5 बजे के बाद खूब शराब पार्टी होती है जिसे बॉस का परोक्ष संरक्षण होता है या वह इसे अनदेखा कर देता है ।
उपन्यास "छिलुक" में इसका पूर्ण विवरण है । मैं अंतिम दिन तक उस स्थान पर शराब पार्टी में शामिल न होने के कारण अपने सहकर्मियों के मुख से खूब गालियां सुनता रहा, जो यहां बता नहीं सकता । स्मरण रहे शराब सहित सभी नशे मनुष्य को ले डूबते हैं । इसलिए डरिये मत, शराब से बच कर रहिये और शराबियों से भी । मैंने अपने काम से अपने शराबी सहकर्मियों का दिल जीता और उनसे सम्मान पाया जिसका आभाष मुझे तब होता था जब वे शराब नहीं पीए हुए होते थे । आज कोरोना लौकडाउन का 14वां दिन है । विश्व में कोरोना संक्रमित संख्या तेरह लाख से अधिक और मृतकों की संख्या चौहत्तर हजार से अधिक हो चुकी है । अपने देश में भी स्थिति अच्छी नहीं है । घर में रहिए, लक्ष्मण रेखा के अंदर रहिए और स्वयं को तथा देश को संक्रमण से बचाइए । आज का वीडियो शराब और शराबियों पर है, जरूर देखिए ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
07.04.2020
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