खरी खरी - 380 : जन की बात
गरमपानी में रायता बेचो
मड़चूला में छोले,
चाय- पकोड़ा कहीं भी बेचो
साहेब सबसे से बोले ।
रोजगार को युवा तरसते
फिरते डोले डोले,
साहेब पेट न भरे बातों से
डिग्री होल्डर बोले ।
छठे बजट पर तुमने चलाए
अपने मन के गोले,
इनकम स्लैब छुआ तनिक नहीं
रस चुनावी घोले ।
मन की बात खूब सुनावे
भोला किसनुवा बोले,
काम की मिसरी देते ना तुम
बात में मिसरी घोले ।
चाय पै चर्चा खूब हो गई
बखत बीत गया हौले
2014 में जो बतियाए
जरा सुमिरन उसका होले ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
09.02.2019
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