खरी खरी - 378 : गैर करि दे गैरसैण
राजधानी बनूहैं
बना दीक्षित आयोग,
द्विये दलों ल पावौ
सफ़ेद हाथि लगा भोग,
करीं जनता क
अणगणत रुपै खर्च,
खालि ड्रामा करौ
निभा दिखव क फर्ज,
राजधानी लिजी
करि दे गैर गैरसैण,
आयोगल दूद घटका
हैरौछी भैंस लैण ।
आब फिर चुनाव ऐगो,
उई जितल जो राजधानी
बनाल गैरसैण,
जो हारल समझो
उपार लैगो गैरसैण ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
05.02.2019
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