Tuesday 5 November 2019

Dhar wor - Dhar por :धार वोर -धार पोर

मीठी मीठी - 379 : 'धार वोर - धार पोर ' - दिनेश ध्यानी

    3 नवंबर 2019 हुणि हिंदी और गढ़वालि क वरिष्ठ साहित्यकार दिनेश ध्यानी ज्यूल मिकैं आपण लेखी गढ़वालि कविता संग्रह  "धार वोर - धार पोर "  गढ़वाल भवन नई दिल्ली में भेंट करी ।  70 कविताओंक य कविता संग्रह में 22 छिटगा कविता लै छीं । ध्यानी ज्यूल य किताब वरिष्ठ साहित्यकार दिवंगत भगवती प्रसाद नौटियाल ज्यूक चरणों में भेंट करि रैछ । नौटियाल ज्यू कि भौत याद ऐ किलै कि एक पत्रिका में उनार और म्यार आँखर दगड़ - दगड़ी छपछी भौत पैली। किताब में वरिष्ठ साहित्यकार मदन मोहन डुकलान ज्यूल भलि भूमिका लेखि रैछ । विशेष बात य छ कि ध्यानी ज्यूल य पोथि में करीब तीन दर्जन कलमकारों, कवियों और पत्रकारों  कैं याद करि रौछ जनुमें एक नाम म्यर लै छ ।

       कविता संग्रह में सबै कविता एक है भाल एक छीं । कैकि चर्चा करूं और कैकि नि करूं है जांरै । फिर लै कविता वन्दना, धार वोर - धार पोर, बुबा जी, पाणी, नाता -रिश्ता, तेरि याद, भेदभाव, फूलदेई और छिटागा भौत भाल और मार्मिक कविता छीं । कविता वन्दना में मां सरस्वती हैं प्रार्थना छ - " बेटि - ब्याटा फरक नि हो कखि, जाति - पाति न हंकार हो ।"

      एक कविता, कविता संग्रहक नाम पर लै छ,  'धार वो र - धार पोर' । कविताक भाव देखो -

"अद बाटम च जिंदगानी
इनै उनै ठौर निरै
धार वोर - धार पोर
झट्ट छंटेनु बसौ नि  हवै ।"

    कविता 'लासनौ पात ' में य दुख प्रकट है रौछ कि खेति बांजि हैगे और एक लासण क पतेल लै हरै गो । कविता ' बुबा जी ' भौत मार्मिक छ । बौज्यू कि याद कवि हृदय में जमि हुई छ, "

"अमणि बुबा जी
नि छन हम्हरा बीच
पण वोंकि बुद्धि -सीख
बा टुल बाथौ पाणी रैंद
हमुथैं दिन रात ।"

    कविता ' नाता - रिश्ता ' लै भौत वेदना भरी कविता छ जमें रिश्तों कि चिंता है रैछ -

"मठु -मठु कै, जरा -जरा कैकि
नाता रिश्ता हर्चंणा छन
पीठि का अपणा भै दगड्या
घड़ि म सोरा हूणा छन ।"

एक छिटगा लै देखो -

" सक अर सुबौ न बढै दे
दूरी हमरा दरम्यान
नथर यथगा बुरु
तु बि नि छै, मि बि नि छौं ।"

   उम्मीद करनू कि सब पाठकोंल य कविता संग्रह पढ़न चैंछ । कविताओं में उत्तराखंडक  धरातल और खुशबू भौत महकि रैछ । जो लै यूं कविताओं कैं पढ़ल उकैं वांकि अन्वार जरूर मिललि । ध्यानी ज्यू कैं भौत - भौत बधै और शुभकामना । संपर्क - 9968502496, 9319667106.

पूरन चन्द्र कांडपाल
06.11.2019

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