Monday 25 November 2019

Bachcho ko mobail lat : बच्चों को मोबाइल लत

खरी खरी - 525 : बच्चों को मोबाइल की लत से बचाओ

      मोबाइल फोन आज हमारी अभिन्न आवश्यकता बन गया है । हमने अपने स्वार्थ के कारण अपने बच्चों को मोबाइल का शिकार बना दिया है । आरम्भ से ही हम उसके मुंह में दूध की बोतल और हाथ पर मोबाइल थमा रहे हैं । अब बच्चे बिना मोबाइल हाथ में लिए खाना मुंह में नहीं डालने देते । अभिभावक बच्चों को मोबाइल गेम्स लगाकर खाना खिलाने लगे हैं । लगातार मोबाइल प्रयोग से बच्चों पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है । बच्चे बिना मोबाइल के रोने लगते हैं अर्थात वे मोबाइल की लत के शिकार हो गए हैं ।

      चिकित्सकों का कहना है कि मोबाइल से इलेक्ट्रोमैगनेटिक रेडीयेशन निकलता है जो बच्चों की त्वचा और मस्तिष्क एवम् तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है जिससे कई बार बच्चों को चक्कर आना, जी मिचलाना या उल्टी आना देखा गया है । नजर की कमजोरी और आंख की अन्य समस्या भी लगातार मोबाइल प्रयोग से आने लगी है ।

         मोबाइल जनित सभी समस्याओं का निदान है कि बच्चों को मोबाइल नहीं दिया जाय । बच्चों को दोस्तों के बीच  पार्क में खेलने का समय दिया जाय । उन्हें अन्य खिलौने भी दिए जा सकते हैं । अभिभावकों को भी बच्चों के सामने मोबाइल कम प्रयोग करना चाहिए जिससे उन्हें मोबाइल देखने को न मिले । यदि हमने अपनी भावी पीढ़ी को बचाना है, तंदुरुस्त रखना है, उनकी आंखें बचानी हैं, उनका मस्तिष्क बचाना है तो हमें उनके सामने मोबाइल प्रयोग नहीं करने का संकल्प लेना ही होगा । बड़े बच्चों को बहुत कम समय के लिए मोबाइल दिया जा सकता है । मोबाइल में गेम्स, कामेडी, मनोरंजन आदि बच्चों के लिए बहुत हानिकारक है ।

पूरन चन्द्र कांडपाल
26.11.2019

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