Sunday 28 October 2018

Shabd sampada : शब्द संपदा

मीठी मीठी -176 : शब्द सम्पदा
(‘मुक्स्यार’ किताब बटि )

सिदसाद नान छी उ
दगड़ियां ल भड़कै दे,

बूबू कि उमर क ख्याल नि कर
नना चार झड़कै दे,

मान भरम क्ये नि हय
कुकुरै चार हड़कै दे,

खेल खेलूं में अझिना अझिन
नई कुड़त धड़कै दे,

कजिय छुडूं हूं जै भैटू
म्यर जै हात मड़कै दे,

बिराऊ गुसीं यस मर
दै हन्यड़ कड़कै दे,

तनतनाने जोर लगा
भिड़ जस दव रड़कै दे,

गिच जउणी चहा वील
पाणी चार सड़कै दे,

बाड़ में हिटणक तमीज निहय
डाव नउ जस टड़कै दे,

लकाड़ फोड़णियल ठेकि भरि छां
एकै सोस में चड़कै दे, 

गदुवक वजन नि सै सक
सुकी ठांगर पड़कै दे,

बीं हूं काकड़ धरी छी
रात चोरूल तड़कै दे,

लौंड क कसूर क्ये निछी
खालिमुलि नड़कै दे,

पतरौवे कैं खबर नि लागि
बांजक डाव गड़कै  दे,

पूरन चन्द्र काण्डपाल
28.10.2018

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