मीठी मीठी - 173 : रामनगर (नैनीताल)में हमरि भाषा सम्मेलन
य भौत खुशि कि बात छ कि रामनगर (जिला नैनीताल) में 18 अक्टूबर बटि 20 अक्टूबर 2018 तली तीन दिनी कुमाउनी -गढ़वाली भाषा सम्मेलनक आयोजन 'भोर सोसाइटी' और'दुदबोलि रामनगर' द्वारा नगर पालिका आडिटोरियम में आयोजित करीगो । मुख्य विचार बिंदु छी भाषाक मानकीकरण, व्यवहारीकरण और प्रसार । वक्ताओंल यूं मुद्दों पर विस्तृत वार्ता करी और आपणि भाषा कुमाउनी -गढ़वालि कैं इस्कूलों में पढूण, यैकैं रोजगार दगै जोड़ण, पाठ्क्रम बनूंण और साहित्य लेखण पर जोर दे । संदर्भ बतौर कुमाउनी मासिक पत्रिका 'पहरू', 'कुमगढ़' औऱ 'कुर्मांचल अखबार' कि लै चर्चा हैछ ।
य तीन दिनी भाषा सम्मेलन में कुमाउनी और गढ़वालीक कएक साहित्यकारोंल आपण विचार धरीं जनूं मुख्य छी 'दुदबोलिक' संपादक श्री मथुरादत्त मठपाल ( रामनगर), जगदीश चन्द्र जोशी (हलद्वाणी), पूरन चन्द्र काण्डपाल (दिल्ली), कैलाश चन्द्र लोहनी, प्रोफेसर शेखर पाठक ('पहाड़' नैनताल), डॉ योगम्बर सिंह बर्त्वाल, डॉ नागेंद्र ध्यानी (देहरादून), दामोदर जोशी 'देवांशु' ('कुमागढ़' क संपादक कठगोदाम ), डॉ प्रयागदत्त जोशी (हलद्वाणी), कृपाल सिंह शीला (भिकियासैंण बासोट ), जहूर आलम (नैनताल), अशोक पांडे, संजय रिखाड़ी, अजेंद्र सुंदरियाल (भोर सोसाईटी, रामनगर )। सम्मेलनक संचालन धर्मेंद्र नेगी ज्यूल करौ । सम्मेलन में सर्वश्री नवीन चन्द्र तिवारी (गाजियाबाद), धर्मानंद शर्मा (काशीपुर) और प्रेम चन्द्र जोशी (चोरपानी) आदि जास कएक वरिष्ठजन लै मौजूद छी । सम्मेलन कि व्यवस्था में 'भोर सोसाइटी'क संजय रिखाड़ी, अजेंद्र सुंदरियाल, अमित तिवारी, निषाद, नवीन शर्मा आदि समेत पुरि टीमक सहयोग छी ।
सम्मेलनक सांध्यकालीन सत्रों में 'भोर सोसाइटी' रामनगर द्वारा मंचित रामलीलाक फिल्मांकन लै देखौ । यैक अलावा लोकगायिका कबूतरी देवी पर लै एक डॉक्युमेंट्री फ़िल्म दिखाइगे । 19 अक्टूबर अपरान्ह सत्र में लघुनाटिका 'गोरा साधु' क मंचन 'भोर सोसाइटी' क कलाकरों द्वारा करीगो । य नाटिका में जिम कॉर्बेट कि बाघ संरक्षण पर विचारधारा क भौत शानदार संदेश दिईगो । नाटिका क निर्देशन संजय रिखाड़ी द्वारा करीगो । सबै कलाकारों कि दर्शकोंल भौत सराहना करी । सम्मेलनक आखिरी सत्र में कुमाउनी -गढ़वाली कवि सम्मेलन हौछ जमें सबै कवियोंल कविता पाठ करौ । कुमाउनीक वरिष्ठ साहित्यकार मथुरादत्त मठपाल ज्यूक मार्गदर्शन पर य तीन दिनी भाषा सम्मेलन भौत सफल रौछ ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
22.10.2018
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